
महिला के सीने में मिली किडनी, डॉक्टर हैरान
डाक्टरों की मानें तो ऐसा लाखों लोगों में किसी-किसी को हो सकता है। सामान्य दशाओं में पेट में कमर से चिपकी रहने वाली एक किडनी महिला के सीने में मिली है। किडनी सामान्य तरीके से काम कर रही है।
इसका पता मरीज को पेट में दर्द होने के बाद उसकी जांच से लगा। अल्ट्रासाउंड किया गया तो महिला के पेट से दांयी किडनी गायब मिली। डाक्टर चकरा गए।
आखिर वह किडनी गई तो कहां गई। एहतियाती तौर पर महिला के सीने का एक्सरे कराया गया तो इस कुदरती अजूबे का पता चला। बांयी किडनी अपने स्थान पर है। फिलहाल महिला स्वस्थ है।
पेट में दर्द की थी शिकायत
मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र के गांव मछरिया निवासी कुंवर पाल सिंह की पत्नी ओमवती (45) के पेट में करीब महीनेभर से दर्द की शिकायत थी।
डाक्टर ने दर्द का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी। जिसपर सोमवार को ओमवती अपने दामाद अखिलेश कुमार के साथ शहर के कुमार डायग्नोस्टिक सेंटर पहुंची।
जहां डा. विनय कुमार ने महिला का अल्ट्रासाउंड किया। जिसे देखकर वह भौचक रह गए। अल्ट्रासाउंड में पेट से दाहिनी किडनी गायब थी।
इसका पता लगाने के लिए उन्होंने मरीज के सीने का एक्सरे कराया तो किडनी लीवर और डायफ्राम से ऊपर दाहिनी ओर फेफड़े के पास मिली। इसका आकार सामान्य था और यह सही ढंग से काम कर रही थी। जबकि मरीज की दूसरी किडनी सामान्य जगह पर थी।
इस अजूबे से अनभिज्ञ थे परिजन
ओमवती की एक किडनी 45 साल से सीने में काम करती आ रही है। किडनी सामान्य तरीके से ब्लड को फिल्टर करती रही। कुदरत के इस करिश्मे से ओमवती और उसके घर वाले अनभिज्ञ थे।
आपरेशन की कोई जरूरत नहीं
सीने में किडनी होने की बात सामने आने पर डाक्टर ने मरीज का डाप्लर टेस्ट कराया। मरीज की खून की जांच में यूरिया सही मिला। डाक्टर के मुताबिक मरीज के आपरेशन की जरूरत नहीं है।
डॉक्टरों ने कहा अनोखा केस
ये एक अनोखा केस है। इसे मेडिकल टर्मलाजी में ट्रांस डायफ्रागमेटिक थोरेसिक इक्टोपिक किडनी कहा जाता है। ऐसा रेयरेस्ट होता है। यह पैदाइशी असामान्यता है। मरीज के सीने के पास मिली किडनी का आकार सामान्य है। यह नार्मल तरीके से काम कर रही है।
– डा. विनय कुमार, कुमार डायग्नोस्टिक सेंटर
ये हो सकता है कारण
शिशु में किडनी बनने की सामान्य प्रक्रिया में किडनी नीचे की ओर से ऊपर की ओर चढ़ती है। इस दौरान लीवर और डायफ्राम बनने की भी प्रक्रिया होती है। मरीज के केस में किडनी के ऊपर जाने की प्रक्रिया तेजी से हुई जबकि लीवर और डायफ्राम बनने की प्रक्रिया धीमी रही। नतीजतन डायफ्राम बनने से पहले ही किडनी सीने में पहुंच गई।
-ओमवती की जांच करने वाले डाक्टर